नवरात्रि के 9 दिन का भोग 2022 , किस दिन क्या भोग लगाएं

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नवरात्रि के 9 दिन का भोग 2021, किस दिन क्या भोग लगाएं

नवरात्रि पर्व पर माता की आराधना के साथ ही व्रत-उपवास और पूजन का विशेष महत्व है। जिस प्रकार नवरात्रि के नौ दिन, मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, उसी प्रकार इस नौ दिनों में माता को प्रत्येक दिन के अनुसार भोग या प्रसाद अर्पित करने से देवी मां सभी प्रकार की समस्याओं का नाश करती हैं। मां के नौ रूपों को कौन-से नौ भोग लगाने चाहिए, आइए जानते हैं.

नवरात्रि में मां दुर्गा को पसंद हैं ये 9 भोग

प्रतिपदा – नवरात्रि का पहले दिन का भोग 

नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप माँ शैलपुत्री देवी की पूजा की जाती है। रोगमुक्त रहने के लिए मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी स़फेद चीज़ों का भोग लगाएं.

द्वितीया – नवरात्रि का दूसरे दिन का भोग 

नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप देवी माँ ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा जाती है। इस दिन लंबी उम्र के लिए मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाएं.

तृतीया – नवरात्रि का तीसरे दिन का भोग 

नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन दुख से मुक्ति के लिए मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीज़ों का भोग लगाएं उसे जरूरतमंद को दान कर देना चाहिए। ऐसा करने से धन-वैभव और ऐशवर्य की प्राप्ति होती है।

चतुर्थी – नवरात्रि का चौथे दिन का भोग 

नवरात्र के चौथे दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप माँ कुष्मांडा की पूजा की जाती है। इस दिन तेज़ बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने के लिए मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं और उसे जरूरतमंद को दान कर देना दे। ऐसा करने से मनोबल बढ़ता है।

पंचमी – नवरात्रि का पांचवे दिन का भोग

नवरात्र के पांचवे दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा होती है। इस दिन मां भवानी को स्वस्थ शरीर के लिए मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं. ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है और करियर में ग्रोथ मिलती है।

षष्ठी – नवरात्रि का छठे दिन का भोग 

नवरात्र के छठवें दिन मां दुर्गा के षष्टम स्वरूप मां कात्यानी की पूजा होती है। इस दिन मां कात्यानी को शहद का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है और घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

सप्तमी – नवरात्रि का सातवे दिन का भोग 

नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा होती है। इस दिन मां कालरात्रि को शोक व संकटों से बचने के लिए गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें.। ऐसा करने से रोग-शोक से मुक्ति मिलती है और परिवार भी स्वस्थ्य रहता है।

अष्टमी – नवरात्रि का आठवे दिन का भोग 

नवरात्र के आठवें दिन मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन देवी महागौरी संतान संबंधी समस्या से छुटकारा पाने के लिए नारियल का भोग लगाएं.। ऐसा करने से मनुष्य की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और माता का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

नवमी – नवरात्रि का नौंवे दिन का भोग 

नवरात्र के नौवें दिन मां दुर्गा के नवम् स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन मां भवानी को सुख-समृद्धि के लिए मां सिद्धिदात्री को हलवा, चना-पूरी, खीर आदि का भोग लगाएं। ऐसा करने से मनुष्य के जीवन में सुख-शांति मिलती है।

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