Category: Festival Puja

Brahma ji

|| ब्रह्मा गायत्री मंत्र || ब्रह्म गायत्री मंत्र के लाभ |||| ब्रह्मा गायत्री मंत्र || ब्रह्म गायत्री मंत्र के लाभ ||

|| ब्रह्मा गायत्री मंत्र ||   ॐ वेदात्मने विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात्॥ ॐ चतुर्मुखाय विद्महे कमण्डलु धाराय धीमहि तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात्॥ ॐ परमेश्वर्याय विद्महे परतत्वाय धीमहि तन्नो ब्रह्म

Guru Nanak Ji

|| इक ओंकार सतनाम करता पुरख |||| इक ओंकार सतनाम करता पुरख ||

|| इक ओंकार ||     इक ओंकार सतनाम करता पुरख निर्मोह निर्वैर अकाल मूरत अजूनी सभम गुरु परसाद जप आड़ सच जुगाड़ सच है भी सच नानक होसे भी

Vishnu JI with his wife Laxmi ji

|| ओम जय जगदीश हरे-पं. श्रद्धाराम शर्मा या श्रद्धाराम फिल्लौरी || भगवान विष्णु आरती |||| ओम जय जगदीश हरे-पं. श्रद्धाराम शर्मा या श्रद्धाराम फिल्लौरी || भगवान विष्णु आरती ||

ॐ   ||  आरती ओम जय जगदीश हरे  ||   ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट,दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे

Hanuman Chalisa

श्री हनुमान चालीसा I जय हनुमान ज्ञान गुन सागर I HINDI & ENGLISH Iश्री हनुमान चालीसा I जय हनुमान ज्ञान गुन सागर I HINDI & ENGLISH I

  श्री हनुमान चालीसा   श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि बरनऊं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन कुमार बल बुद्धि बिद्या

Saraswati vandana

सरस्वती माँ वंदना गीत I या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता Iसरस्वती माँ वंदना गीत I या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता I

सरस्वती वंदना गीत   या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥         विस्तार शुक्लां ब्रह्मविचार

Saraswati Maa KI aarti

सरस्वती माँ की आरती I जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।सरस्वती माँ की आरती I जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

सरस्वती माँ की आरती हम ज्ञान और वृद्धि प्राप्त करने के लिए करते हैं। ज्ञान की देवी सरस्वती माँ की आरती नित प्रतिदिन करनी चाहिए। इससे हमारे ज्ञान में वृद्धि

लक्ष्मी जी की आरती Iलक्ष्मी जी की आरती I

लक्ष्मी जी की आरती ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता ।।ॐ जय लक्ष्मी माता।। उमा रमा ब्रह्माणी