Category: Durga Puja

Durga Ji

|| महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम-अयि गिरिनन्दिनि |||| महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम-अयि गिरिनन्दिनि ||

|| अयि गिरिनन्दिनि ||   अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि

jai jai bharavi

जय जय भैरवि || मैथिली देवी गीत ||जय जय भैरवि || मैथिली देवी गीत ||

माँ भै‍रवि ‘भैरवी’ का अर्थ है जो आतंक का अवतार है या जो अपने दुश्मनों में आतंक पैदा करती है। वह देवी दुर्गा की पांचवीं अभिव्यक्ति हैं जो जीवन में

श्री राम स्तुती

श्री राम स्तुती | श्री राम चन्द्र कृपालु भजु मनश्री राम स्तुती | श्री राम चन्द्र कृपालु भजु मन

श्री राम स्तुती दोस्तों श्री राम जी की स्तुती मन को शांती प्रदान करना वाला है | इसके स्मरण से मानसिक व्यथा से मुक्ती मिलती है | यह मन मे

Durga Puja - Navratri

नवरात्री में कलश स्थापना कैसे करें, सरल और प्रामाणिक विधिनवरात्री में कलश स्थापना कैसे करें, सरल और प्रामाणिक विधि

कलश स्थापना या घटस्थापना नवरात्रि के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। प्राचीन हिन्दू धर्म ग्रंथो में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। किसी भी कार्य का शुभारंभ कलश

माता कात्यायनी की कथा, पूजा विधि

नवरात्र का छठा दिन – माता कात्यायनी की कथा, पूजा विधि, मंत्र तथा आरतीनवरात्र का छठा दिन – माता कात्यायनी की कथा, पूजा विधि, मंत्र तथा आरती

पूर्व काल से नवरात्र के छठवें दिन कष्ट निवारिणी माता कात्यायनी की पूजा का विधान है। स्वर्ण समान चमकीला माँ के इस स्वरूप को देखने मात्र से मनुष्यों के सभी

स्कंदमाता की कथा, पूजा विधि तथा मंत्र

नवरात्र का पाँचवा दिन – स्कंदमाता की कथा, पूजा विधि तथा मंत्रनवरात्र का पाँचवा दिन – स्कंदमाता की कथा, पूजा विधि तथा मंत्र

नवरात्र के पांचवें दिन देवी दुर्गा के अवतार, ममता की प्रतीक माता स्कंदमाता की पूजा-आराधना की जाती है। माता के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन से ही भक्तों की समस्त

नवरात्र का पहला दिन- देवी शैलपुत्री

नवरात्र का पहला दिन- देवी शैलपुत्री की कथा, पूजा विधि तथा स्तोत्र मंत्रनवरात्र का पहला दिन- देवी शैलपुत्री की कथा, पूजा विधि तथा स्तोत्र मंत्र

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार,नवरात्रि की शुरुआत देवी शैलपुत्री की पूजा आराधना से होती है। माता शैलपुत्री को हेमवती के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि माता शैलपुत्री के भव्य

कुष्माण्डा देवी की आरती

नवरात्र का चौथा दिन – कूष्माण्डा देवी की कथा, पूजा विधि तथा मंत्रनवरात्र का चौथा दिन – कूष्माण्डा देवी की कथा, पूजा विधि तथा मंत्र

नवरात्र के चौथे दिन अष्टभुजा देवी माता कूष्माण्डा की पूजा का विधान है। देवी दुर्गा के इस दिव्य स्वरूप की पूजा-आराधना करने से भक्तजनों के रोग-शोक मिट जाते हैं, तथा

तृतीय देवी चंद्रघंटा

नवरात्र का तीसरा दिन – माता चंद्रघंटा कथा, पूजा विधि तथा मंत्रनवरात्र का तीसरा दिन – माता चंद्रघंटा कथा, पूजा विधि तथा मंत्र

भक्तों की दुख दूर करने वाली शक्ति स्वरूपनी माँ चंद्रघंटा है। हिन्दू परम्परा अनुसार नवरात्रि के तीसरे दिन देवी पार्वती के रूप माता चंद्रघंटा की पूजा का विधान है। माना

ब्रह्मचारिणी माता की फोटो

नवरात्र का दूसरा दिन – माता ब्रह्मचारिणी कथा, पूजा विधि तथा मंत्रनवरात्र का दूसरा दिन – माता ब्रह्मचारिणी कथा, पूजा विधि तथा मंत्र

कौन है मां ब्रह्मचारिणी? माँ दुर्गा की नवशक्तियों का दूसरा स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी का है। नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। ब्रह्मचारिणी अर्थात ब्रह्म + चारिणी,